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एक दरोगा की प्रेमकथा__ वर्दी के आड़ में मकान मलिकिनी के साथ करत

  • एक दरोगा की प्रेमकथा__ वर्दी के आड़ में मकान मलिकिनी के साथ करता था रंगीन रातें।डीआईजी ने किया सस्पेंड। आज बिहार के बक्सर जिला के एक वैसे दरोगा जी की प्रेम कथा बताने जा रहे है जो सुन आपको भी सुन सोचने को मजबूर हो जाएंगे। जिसको आमलोगो की रक्षा के लिए सुरक्षा की जिमेवारी सौंपी गई है वही आज वही वर्दी के आड़ में वर्षो से एक महिला के साथ रंगीन रात करता था। मीडिया रिपोर्ट के माने तो बिहार के बक्सर जिला के ननीजोर के तत्कालीन थाना अध्यछ मनोज पाठक को मुरार थाना से हटाकर तत्कालीन एसपी नीरज सिंह ने मार्च 2021 में ननीजौर का थाना अध्यक्ष बनाए थे। थानाध्यक्ष ने पदभार ज्वाइन करने के बाद अपने रहने के लिए किराए की घर खोजने लगे।किसी ने बताया की थाना के ही मुन्ना तिवारी के घर खाली है।मुन्नतावारी ने अपने ही जाति समझ अपने घर के बाहर किराए के लिए एक मकान रहने के लिए दे दिया। मकान मालिक मुन्ना तिवारी को क्या पता की हम जिसको रहने के लिए छत दे रहे है वो हमारे साथ दगा देगा। दरोगा बाबू एक जुलाई से मकान में रहने के लिए आ गए और उसी के घर में रहने लगे। मकान मालिक मुन्ना तिवारी के दो बच्चे बाहर होस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे।बस उसके मकान में मकान मालिक मुन्ना तिवारी और उनकी पत्नी ही रहती थी।मुन्ना तिवारी पंडित होने के चलते अपने जाति के दरोगा जी के होने पर आंख मुदकर विश्वास करने लगे।धीरे धीरे समय बीतता गया और संबंध बढ़ता गया।रंगीन मिजाज के थानाध्यक्ष की निगाहे तो मकान मलकिनी पर था।आखिर अपनी निगाहों से प्रेम की जाल फंसाकर मकानमलिकिनी को अपनी जाल में फंसा लिया और उनके साथ रंगीन रातें करने लगे।धीरे धीरे समय बीतता गया दरोगा बाबू ने मकान मालिक और उनकी पत्नी के साथ इतना अच्छा संबंध करली की उनपर पति,पत्नी अंधा विश्वास करने लग।उसके बाद दरोगा जी ने मकान मालिक मुन्ना तिवारी को थाने की गस्ती गाड़ी चलाने की काम में लगा लिए। उधर मकान मालिक थाने की गाड़ी चलाते थे।इधर रंगीन मिजाज के दरोगी बाबू उनकी पत्नी के साथ रंगोलिया मानते थे। प्यार में पागल दरोगा बाबू ने मानवता की सारे हदे पार कर दी।एक विडियो के इंटरव्यू में मकान मालिक ने बताया की जब हम घर पर रहते तो वो पत्नी के मिलीभगत से हमे नींद की दावा खिलाते थे।जब वे नशा में हो जाते तो उनके पत्नी के साथ पूरी रात रंगोलियां मनाते।ये बात की जब खुलासा हुआ जब उनके बेटी होस्टल से गांव छठ पूजा में आई थी।तो अपने पिता से पूछा की पिताजी आप किस रोग की दावा खाते है।उसके बाद मकान मालिक का होश उड़ गया। उसदीन वे ग्लास में दावा मिलाए पानी को नही पिया। पूरी रात जगे रहे।उधर दरोगा बाबू समझे वो नींद में सो गए।जब दरोगा जी आधी रात रंगोलियां मनाने लगे तो मकान मालिक ने देख लिया और वकेउनका विरोध किया। फिर उसके बाद थानाअध्यक्ष मनोज पाठक ने उसके साथ मारपीट की।उसके बाद पुलिस को फोन कर बुला लिए। मकान मालिक ने इसकी शिकायत बिहार डीजीपी से लेकर पुलिस के वरीय पदाधिकारी के पास आप बीती घटना बताते हुए न्याय की गुहार लगाई।शाहाबाद के डीआईजी नवीन चन्द्र झा ने इसको गंभीरता से लेते हुए सस्पैंड किया।वही मकान मालिक मुन्ना तिवारी ने मिडिया को बताए की इस करवाई के बाद शराब माफियाओं और भू माफियाओं से धमका रहे है।वही इनकी जान की खतरा सता रही है।मुरार थाना में थानाध्यक्ष रह चुके है मनोज पाठक। यहां भी इनका आचरण भी सवाल के घेरे में था। यहां भी एक दलित महिला के साथ अवैध संबंध की चर्चा सुर्खियों में था।करोना काल के समय खुद एक पत्रकार के हाथ से महिला की फोटो मांगे थे।जब पत्रकार ने अपनी मोबाइल से उक्त फोटो जाने के बाद उनका होश उड़ गया। क्योंकि उस नंबर पर पत्रकार सो हो रहा था। वो भी महिला अपनी पत्नी से झगड़ा करने के बाद फरुलियाद के लिए थाने गई थी।उसके बाद इसकिया मिजाज के दरोगा जी उसके अपने प्रेम जाल में फंसा लिए।झूठे केस में फंसाने में माहिर थे मनोज पाठक।दरोगा बाबू दो सालो तक मुरार में थानाध्यक्ष रहे है। मुरार में झूठे केस में फंसाने की इनकी उपाधि मिली थी।मुरार थाना के अंतर्गत एक गांव के कांड संख्या 62/20 ने दो व्यक्तियों को sccst केस में बड़ी मोटी रकम लेकर भेज दिए थे।जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको जांच भी कराए थे। गांव में गुटबाजी के चलते चुनाव आयोग से गुहार लगाने के बाद तत्कालीन एसपी नीरज सिंह ने मुरार से हटाकर नैनीजोर थाना भेजे थे।