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शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार कराएगी सर्वे।शराबबंदी से कितने लोग

  • कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने नहीं', बिहार सरकार इसे लेकर कराने जा रही सर्वे।बिहार में अब एक और सर्वे का बोझ सरकारी कर्मचारियों के कंधे पर जाने वाला है। अभी पिछले ही दिनों हुए जातीय सर्वे के बाद अब शराबबंदी को लेकर सर्वे कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को नशा मुक्ति दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की थी।

    इसके बाद शराब निषेध, उत्पाद और पंजीकरण विभाग तैयारी में जुट गया है। ऐसे में शराबबंदी को लेकर भी घर-घर सर्वे कराने जा रही है। माना जा रहा है कि दिसंबर के मध्य में यह सर्वेक्षण राज्यभर में शुरू हो जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान सरकार यह जानेगी कि राज्य में कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने नहीं।

    मद्य निषेध, उत्पाद और पंजीकरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा है कि सर्वेक्षण के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए उत्पाद शुल्क और अन्य विभागों में कई स्तरों पर चर्चा की जा रही है। सर्वे में कुछ एजेंसियां भी शामिल होंगी और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

    सर्वेक्षण अस्थायी रूप से दिसंबर के मध्य से शुरू होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के लिए एक प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसमें लोगों से प्रतिक्रिया ली जाएगी कि क्या वे शराबबंदी के समर्थन में हैं या नहीं? पारिवारिक आय, परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और कुछ अन्य प्रश्न भी शामिल होंगे।

    प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने खिलाफ में हैं। जो पक्ष में नहीं हैं, उन्हें समझाइए कि शराब बहुत खराब चीज है, इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2023 की शुरुआत में बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (जीविका) के सहयोग से चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा शराबबंदी के प्रभाव पर एक सर्वेक्षण किया गया था। यह सर्वे राज्य के सभी जिलों के 534 ब्लॉकों के 3300 गांवों में किया गया था, जिसमें 10 लाख 22 हजार 467 लोगों को शामिल किया गया। सर्वे के दौरान पता चला है कि 1.82 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया था। यह भी पता चला कि 99 फीसदी महिलाएं शराबबंदी के पक्ष में थीं, जबकि 92 फीसदी पुरुष शराबबंदी के पक्ष में थे।