Bhawesh Chahande
We were all humans until, religion separated us, politics divided us, wealth classified us and race disconnected us. Since the universe is an organic whole, governed by cosmic order, all human being must be treated as fellows. Secondly, as human nature all over the ....visit... http://www.lifometry.com/2019/06/well-being-of-all.html
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पुलवामा हमला, 7अक्टुबर को इजराईल पर हुऐ हमले की तरह ही है,इजराइल की तरह कठोर कदम उठाए सरकार को इजराइल से सबक सिखने की जरूरत है
Deoratna Goel
युद्ध के जूनूनी लोगों के लिये सलाह ...
जिन लोगों की आयु 60 साल से कम है , उन लोगों को युद्ध की विभिषिका व उसके दुष्परिणाम व होनेवाली दिक्कतों का अनुभव नहीं है । सभी इजरायल का उदाहरण दे रहे है , मगर कम ही लोगों को इजरायल के अंदरूनी हालात की जानकारी है । इसलिए समझ लें कि युद्ध की दशा मे क्या दिक्कतें आयेंगी .....
1- देश मे महंगाई बढ़ जायेगी । विशेष रूप से खाद्य पदार्थों की । क्योंकि सप्लाई चैन बाधित होगी।
2 - पेट्रोल , डीजल व गैस की किल्लत बढ़ सकती है ।
3 - बेरोजगारी बढ़ जायेगी । कारण युद्ध की स्थिति मे सारे सरकारी प्रोजेक्ट रूक जायेंगे , इससे उन पर काम कर रहे लेबर मिस्त्री वगैरह की छुट्टी हो जायेगी , इसके कारण इंडस्ट्री मे भी डिमांड कम हो जायेगी तो वहां भी छटनी होगी ।
इन सब का पूरा प्रभाव बाजार पर पड़ेगा , जिसके कारण भारत की जीडीपी व फारेक्स रिजर्व भी गिर जायेगा ।
भारत का दलाल मीडिया , लिब्रांडु गैंग व पाकपरस्त नेता इन सब विषयों को मुद्दा बनाकर जनता को भड़कायेंगें ।
इसलिए सबको मानसिक रुप से तैयार रहना चाहिए । युद्ध तो युद्ध होता है । 1971 की तरह 14 दिन मे भी खत्म हो सकता है । और इजरायल व हमास या रूस उक्रेन की तरह लंबा खिंच सकता है । कुछ लोगों को युद्ध क्रिकेट मैच की तरह लग रहा है । तो ऐसे लोग इस लैख को ध्यान से पढ़ लें ।
उपरोक्त तथ्यों से मोदीजी पूरी तरह विज्ञ हैं उन्हें पता है । इसीलिए वो कोई जल्दबाजी न दिखाते हुये , कम से कम युद्ध और अधिक से अधिक जीत के फार्मूले पर काम कर रहे है ।
इसलिए धैर्य बनाये रखिये , नेतृत्व पर भरोसा रखिए ।
जय श्रीराम