Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
मनोज जैन
दुनियां का सबसे छोटा संविधान अमेरिका का है
केवल 13 पन्नों का
उससे भी छोटा संविधान योगी जी का है केवल दो लाइन का
कायदे में रहोगे तो ही फायदे में रहोगे
Anupama Jain
(owner)
मैं जब जब खामोश रही,
लोग समझे,
बोलने का हौसला नहीं है,
मेरे पास शब्द बहुत थे ,
मगर,
क्या वो लोग मुझे समझाने के काबिल है?
ख़ैर.....
पायल शर्मा
वैष्णो देवी धाम के लिए निकले तीर्थयात्रियों पर हुए इस्लामिक आतंक'वादी आक्रमण में मारे गए श्रद्धालुओ को नमन करती हूं
शशि यादव
क्या आप लोग वक्फ बोर्ड को हटाने का समर्थन करते हैं
Sanjay khambete
अपने घर में छोटा सा कार्यक्रम करिए उसको सकुशल संपन्न कराने में हवा निकल जाती है.. यहां तो पूरा विश्व आया हुआ है करोड़ों की संख्या में..!
कृपया सहयोग करिए.. आलोचना नहीं..
Mukesh Bansal
जस्टिन ट्रूडो सही मायने में
पनौती साबित हुआ -
उसके पाले हुए “खालिस्तान”
समर्थक चुनाव में पिट गए
और उसके न होने से उसकी
पार्टी भी जीत गई -
एक वीडियो बाजार में घूम रहा है, आज मैंने भी पोस्ट किया है जिसमे गुरपतवंत सिंह पन्नू डींग मार रहा है खालिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों की लेकिन उसे शायद पता नहीं कि आज कनाडा के चुनाव में ट्रूडो के पाले हुए “खालिस्तानी” बुरी तरह पिट गए हैं जबकि पन्नू का तो कोई राजनीतिक अस्तित्व है ही नहीं -
पन्नू के पास कनाडा की भी नागरिकता है और वह कनाडा के खालिस्तानियों को भी खाद पानी देता होगा लेकिन क्या हाल हुआ वह उनकी NDP का और यहां भारत के लिए पन्नू कह रहा है कि भारत की फौज को पंजाब पार करके पाकिस्तान पर हमला नहीं करने देंगे -
कनाडा में सिखों की आबादी मात्र 2.1% है फिर भी जगमीत सिंह की NDP ने पिछले 2020 के चुनाव में 25 सीट सीट जीती थी और वोट मिले थे 17.82% यानी NDP को केवल सिखों के ही वोट नहीं मिले बाकी हिंदुओं और गोरों के भी वोट मिले और जगमीत सिंह सत्ता में बैठ कर ट्रूडो को नाच नचाता रहा -
लेकिन इस बार जगमीत सिंह खुद लिबरल पार्टी के वेड चांग से हार गया - चांग को 40% वोट मिले और जगमीत को केवल 27% - जगमीत सिंह की NDP को केवल 7 सीट मिली और वोट मात्र 6.3% यानी पिछले चुनाव से 11.52% वोट कम मिले और सीट घटी 18 - अब NDP राष्ट्रीय पार्टी भी नहीं रहेगी क्योंकि उसके लिए संसद में 12 सीट होना जरूरी है -
अगर लिबरल पार्टी ने कनाडा और पार्टी के लिए बन चुके “पनौती” ट्रूडो को बाहर न किया होता उसका भी बुरा हाल होता लेकिन “पनौती” दूर होने के बाद पार्टी को पिछले चुनाव से 22 सीट ज्यादा मिली और वोट भी 11.08% ज्यादा - लिबरल पार्टी की इस बार 169 सीटें हैं और वोट 43.7% - मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री बना कर लिबरल पार्टी ने अपनी साख बचा ली -
दूसरी तरफ conservative party का प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा है - उसे भी पिछले चुनाव के मुकाबले 23 अधिक मिली और वोट भी 7.56% ज्यादा - पार्टी को 144 सीट और 41.3% वोट मिले -
चौथी पार्टी Bloc Québécois (BQ) भी सीटों के हिसाब से बड़े घाटे में रही - उसे 22 सीट मिली जो पिछले चुनाव से 10 कम हैं और उसे भी वोट 6.3 % वोट मिले जैसे NDP लेकिन इस पार्टी की वोट पिछले चुनाव से मात्र 1.34% कम रही -
कनाडा चुनाव में इस बार 68.7% वोट पड़े जबकि पिछली बार 62.2% यानी साढ़े 6% ज्यादा -
कनाडा की सीख लेकर भारत की विपक्षी पार्टियों को भी अपनी अपनी “पनौती” दूर कर लेनी चाहिए लेकिन एक बात स्पष्ट हो गई कि जो हाय तौबा “खालिस्तान” के नाम की मचा रखी थी कनाडा में ट्रूडो ने और उनकी पार्टी ने जिसके लिए भारत को शत्रु बना लिया, वह एक बुलबुला मात्र था - ऐसा ही भारत में किसान आंदोलन के नेताओं का हुआ था जो लोकसभा चुनाव में अपनी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके -
अब देखना होगा कि क्या मार्क कार्नी भी भारत को शत्रु भाव से देखते हैं या मित्र भाव से - शत्रु भाव से देखना तो कठिन लगता है ट्रूडो की दुर्दशा देख कर - लेकिन अभी भारतीय छात्रों को कनाडा जाने से बचना ही चाहिए क्योंकि जिन पार्टियों का संख्या बल कम हो जाता है वो और ज्यादा खूंखार और उत्पाती हो सकती है -
(सुभाष चन्द्र)
“मैं वंशज श्री राम का”
30/04/2025
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अनिल जैन
रिश्ते खून से नहीं, बल्कि भरोसे से बनते है और भरोसा वहां टूटता है, जहां अहमियत कम हो जाती है..