देश हित में देश प्रेमी, जीता है अपनी जिन्दगी।
देश प्रेमी के चरण में,मैं करूँ हरदम बन्दगी ।।
जख्म़... moreदेश हित में देश प्रेमी, जीता है अपनी जिन्दगी।
देश प्रेमी के चरण में,मैं करूँ हरदम बन्दगी ।।
जख्म़ बढ़ता जा रहा धरती गगन भी रो रहे।
सन्नाटों में खो गए विहग जन के चहचहे।।
महावीरों का कलेजा नोचता जब काग हो।
आपसी विद्रोह का जब देश मध्ये राग हो।।
अपने घर को जला डाले ऐसी जो भी आग हो।
कन्टकों के मध्य माता भारती भूभाग हो ।।
तुम झुलसते फूल को मुस्कान का भाषण न दो।
जिसके नीचे साँप हो, ऐसा सुखद आसन न दो।।
सैन्य हूँ मैं सिंह की आवाज़ में दहाड़ता हूँ।
देश प्रेमी मैं हमेशा ,शत्रु को ललकारता हूँ।।
देश प्रेमी ही मिटाता ,गद्दारी की गन्दगी ।
देश हित में देश प्रेमी ,
जीता है अपनी जिन्दगी।।
जिन्दगी धिक्कार है,
जो भारती हित न जिये।
मरण तो निश्चित है इक दिन,
हो मरण किसके लिए।।
देश हित में मरण का,
रण में बरण हम जानते।
भारत माँ के हृदय की ,आवाज़ को पहचानते ।।
बचन, मन, तन, प्राण,
अर्पण करके करता बन्दगी।
देश हित में देश प्रेमी ,
जीता है अपनी जिन्दगी ।। less
Nalini Mishra
*भगवान राम के आदर्श आपके जीवन को सुशोभित करे व आपका जीवन राममय बने*।
*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ*।
शशिरंजन सिंह
*आखिर क्यों मोदी को समंदर में डुबकी लगाकर द्वारका जी के दर्शन करने जाना पड़ा.?*
गुजरात हाई कोर्ट ने Bet Dwarka के 2 द्वीपों पर कब्जा जमाने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के सपने को चकनाचूर कर दिया है।।
इस समय गुजरात का यह विषय बहुत चर्चा में है।। सोशल मीडिया के माध्यम से हम लोगों को मालूम पड़ गया वरना पता ही नहीं चलता।
@कैसे पलायन होता है @और कैसे कब्जा होता है, @ लैंड जिहाद क्या होता है वह समझने के लिए _आप बस बेट द्वारिका टापू का अध्ययन करलें तो सब प्रक्रिया समझ आ जायेगी।_
@कुछ साल पहले तक यहाँ कि लगभग पूरी आबादी हिन्दू थी।
यह ओखा नगरपालिका के अन्तर्गत आने वाला क्षेत्र है जहाँ जाने का एकमात्र रास्ता पानी से होकर जाता है।
इसलिए बेट द्वारिका से बाहर जाने के लिए लोग नाव का प्रयोग करते हैं।।
यहाँ द्वारिकाधीश का प्राचीन मंदिर स्थित है।
कहते हैं कि 5 हजार साल पहले यहाँ रुक्मिणी ने मूर्ति स्थापना करी थी।
>समुद्र से घिरा यह टापू बड़ा शांत रहता था।
>लोगो का मुख्य पेशा मछली पकड़ना था।
> _धीरे धीरे यहाँ बाहर से मछली पकड़ने वाले मुस्लिम आने लगे।_
> _दयालु हिन्दू आबादी ने इन्हें वहाँ रहकर मछली पकड़ने की अनुमति दे दी।_
>धीरे धीरे मछली पकडने के पूरे कारोबार पर मुस्लिमों का कब्जा हो गया।
>> *बाहर से फंडिंग के चलते इन्होंने बाजार में सस्ती मछली बेची जिससे सब हिन्दू मछुआरे बेरोजगार हो गये*।
>अब हिन्दू आबादी ने रोजगार के लिए टापू से बाहर जाना शुरू किया।
लेकिन यहां एक और चमत्कार / प्रयोग हुआ ।
बेट द्वारिका से ओखा तक जाने के लिए नाव में 8 रुपये किराया लगता था।
*अब क्योंकि सब नावों पर मुस्लिमों का कब्जा हो गया था तो उन्होंने किराये का नया नियम बनाया।*
_जो हिन्दू नाव से ओखा जायेगा वह किराये के 100 रुपये देगा और मुस्लिम वही 8 रुपये देगा।_
अब कोई दिहाड़ी हिन्दू केवल आवाजाही के 200 रुपये देगा तो वह बचायेगा क्या ?
@ _इसलिए रोजगार के लिए हिन्दुओ ने वहाँ से पलायन शुरू कर दिया।_
@ *अब वहाँ केवल 15 प्रतिशत हिन्दू आबादी रहती है।*
आपने पलायन का पहला कारण यहाँ पढ़ा।
>> _रोजगार के 2 मुख्य साधन मछली पकड़ने का काम और ट्रांसपोर्ट दोनो हिन्दुओ से छीन लिया गया।_
जैसे बाकी सब जगह राज मिस्त्री,कारपेंटर, इलेक्ट्रॉनिक मिस्त्री , ड्राइवर ,नाई व अन्य हाथ के काम 90% तक हिन्दुओ ने उनके हवाले कर दिये हैं।
अब बेट द्वारिका में तो 5 हजार साल पुराना मंदिर है जिसके दर्शन के लिए हिन्दू जाते थे तो इसमें वहां के जिहादियों ने नया तरीका निकाला।
@ क्योंकि *आवाजाही के साधनों पर उनका कब्जा हो चुका था* तो उन्होंने आने वाले _श्रद्धालुओं से केवल 20-30 मिनट की जल यात्रा के 4 हजार से 5 हजार रुपये मांगने शुरू कर दिये।_
@ इतना महंगा किराया आम व्यक्ति कैसे चुका पायेगा इसलिए लोगो ने वहां जाना बंद कर दिया।
>>> अब जब वहाँ पूर्ण रूप से जिहादियों की पकड़ हो गई तो उन्होंने जगह जगह मकान बनाने शुरू किये, देखते ही देखते प्राचीन मंदिर चारों तरफ से *मजारों* से घेर दिया गया।
वहाँ की बची खुची हिन्दू आबादी सरकार को अपनी बात कहते कहते हार चुकी थी, फिर कुछ हिन्दू समाजसेवियों ने इसका संज्ञान लिया और सरकार को चेताया।
सरकार ने ओखा से बेट द्वारिका तक सिग्नेचर ब्रिज बनाने का काम शुरू करवाया।
बाकी विषयो की जांच शुरू हुई तो जांच एजेंसी चौंक गई।
*गुजरात में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका स्थित बेट द्वारिका के दो टापू पर अपना दावा ठोका है।*
वक्फ बोर्ड ने अपने आवेदन
में दावा किया है कि बेट द्वारका टापू पर दो द्वीपों का स्वामित्व वक्फ बोर्ड का है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने इस पर आश्चर्य जताते हुए पूछा कि कृष्ण नगरी पर आप कैसे दावा कर सकते हैं और इसके बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया।
> बेट द्वारका में करीब आठ टापू है, जिनमें से दो पर भगवान कृष्ण के मंदिर बने हुए हैं।
प्राचीन कहानियां बताती हैं कि भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए मीरा यहीं पर उनकी मूर्ति में समा गई थी।
*बेट द्वारका के इन दो टापू पर करीब 7000 परिवार रहते हैं, इनमें से करीब 6000 परिवार मुस्लिम हैं।*
यह द्वारका के तट पर एक छोटा सा द्वीप है और ओखा से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
वक्फ बोर्ड इसी के आधार पर इन दो टापू पर अपना दावा जताता है।
यहां अभी इस साजिश का शुरुआती चरण ही है कि इसका खुलासा हो गया.
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस चरण में कुछ लोग, ऐसी जमीनों पर कब्जा करके अवैध निर्माण बना रहे थे, जो रणनीतिक रूप से, भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था.
अब जाकर सब अवैध कब्जे व मजारें तोड़ी जा रही हैं।
माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की कृपा से अब सी लिंक का उद्घाटन होने वाला है, मुसलमानों के नौका/छोटे पानी के जहाज से यात्रा करवाने का धंधा भी चौपट होने जा रहा है,
जय हो,
मोदी है तो मुमकिन है।
*बेट द्वारिका में आने वाला कोई भी मुसलमान वहाँ का स्थानीय नहीं है सब बाहर के हैं।*
फिर भी उन्होंने धीरे धीरे कुछ ही वर्षों में वहां के हिन्दुओ से सब कुछ छीन लिया और भारत के गुजरात जैसे एक राज्य का टापू *सीरिया* बन गया।
*सावधान व सजग रहना अत्यंत आवश्यक है ।।*
*कम से कम पांच ग्रुप में जरूर भेजे*
*कुछ लोग नही भेजेंगे*
*लेकिन मुझे उम्मीद है आप जरूर भेजेंगे...!*
*जागो हिन्दू जागो...
पराग रस्तोगी
Till Deepawali it should reach all Sanatanis/Bhartiya Hindus ....
Hind ki Sena
আপনারা, যারা ভাবছেন পাকিস্তানকে অ্যাটাক করলেই সব সমস্যার সমাধান হয়ে যাবে, তারা অতি মূর্খ৷ ইসলাম যতদিন আছে এই পৃথিবীতে তার অরিজিনাল ফর্মে, ততদিন সমস্যার সমাধান হবে না৷
ইসলাম একটি রাজনৈতিক টুল, ধর্ম নয়৷ এবং তার একমাত্র লক্ষ্য মেরে কেটে, মেয়ে ধ র্ষ ণ করে, জমি দখল করে সমস্ত পৃথিবীকে ইসলামের নিচে নিয়ে আসা৷ কারণ ইসলামে তাতেই চরম পুণ্য৷
ফলে যতদিন ইসলাম থাকবে, ততদিন এ জিনিস বারবার হবে৷ আপনি ভাববেন ডেভেলপমেন্ট করবেন, মেডিক্যাল ইঞ্জিনিয়ারিং কলেজ, ট্রেন, পাকা সড়ক, জলের ব্যবস্থা করবেন, তাতে টেররিজম থামবে৷ না, থামবে না৷ কারণ ইসলাম এসব চায় না৷ ইসলামের একমাত্র লক্ষ্য কাফেরকে ঘৃণা করা, তাকে বধ করে বা ধর্মান্তরিত করে ইসলাম প্রচার ও প্রসার করা।
ফলে, হয় ইসলামকে বদলাতে হবে, যেমন অন্যান্য ধর্ম বদলেছে সময়ের সাথে, অথবা ইসলামকে শেষ করতে হবে৷ প্রথমটার সম্ভাবনা অতি ক্ষীণ৷ সারা পৃথিবী জুড়ে, ইয়োরোপে, দক্ষিণ এশিয়ায়, অস্ট্রেলিয়া, আমেরিকা, সর্বত্র ইসলাম সাধারণ শান্তিপ্রিয় মানুষের নাভিশ্বাস তুলে দিয়েছে। কেউ কিছু করতে পারে নি৷ কারণ ভদ্রতা দিয়ে, আধুনিক নীতিবোধ দিয়ে ইসলামকে আটকানো সম্ভব নয়৷ ইসলামকে আটকেছে কে জানেন? চীন৷ চীন আর ইসরায়েল৷ এই দুই রাষ্ট্র জানে ইসলামের দাওয়াই কী। তাই তারা আটকেছে ইসলামকে।
আর একজন, খুবই আশ্চর্যজনকভাবে ইসলামকে বদলাতে চলেছে, তা হল সৌদি। সৌদি টেররিজমের ওপর যে নো টলারেন্স নীতি নিয়েছে, তা এখনো অবধি আশাপ্রদ৷ দুদিন আগেই ইসরায়েলকে কেন তারা মারছে না, এই মর্মে কিছু বাংলাদেশী সৌদির প্রিন্সের ছবি বিকৃত করায় রাইট লেফট বাংলাদেশী শ্রমিকদের লাথ মেরে তাড়িয়েছে তারা৷ সৌদি ইসলামের উৎসস্থল, তারা জানে ইসলাম আদতেই কী লেভেলের নোংরা জিনিস! তারা জানে এই মনুষ্যসমাজের জন্য ক্যান্সার হল ইসলাম ইন ইটস কারেন্ট ফর্ম।
ভারত চীন, ইসরায়েল বা সৌদির লিগে জয়েন করবে কিনা, তা ভারতকেই ভাবতে হবে। করলে, যদি বা বাঁচার ক্ষীণ আশা থাকে, না করলে ইয়োরোপের দশা হতে এক দশকও লাগবে না। ইসলামের সামনে কোন সভ্যতা টেঁকে নি, টিঁকবে না, কারণ ইসলাম সভ্য নয়৷ তরোয়ালের সামনে আর্গুমেন্ট টেঁকে না৷ কালাশনিকভের সামনে ভদ্রতার কানাকড়ি দাম নেই৷ ইসলামের সামনেও সভ্যতা, ভদ্রতা, মানবিকতার কোন দাম নেই। তাকে রাজার হালে রাখলেও সে আপনাকে মারবে, কারণ আপনাকে মারাটাই তার মোক্ষ পাওয়ার উপায়।
এইটা যদি ভারত সরকার বোঝে তো ভালো। না বুঝলে দেশের মধ্যে পরের পর মুর্শিদাবাদ আর কাশ্মীর হতেই থাকবে। আমি আপনি, কাফের বিধায় গুলি আর চাপাতি খাবো৷ আমাদের মন্দির ভাঙবে। মেয়েদের তুলে নিয়ে যাওয়া হবে। আপনি মানে আপনিও, সুশীল সেকুমাকু। কাশ্মীরে যেমন প্যান্ট খুলে গুলি করার আগে কারোকে জিজ্ঞেস করে নি যে সে সেক্যুলার সর্বধর্মপ্রেমী কিনা, আপনাকেও ইসলাম ছাড় দেবে না৷ সোজা মাথার মাঝখানে গুলি মারবে, কারণ আমি আপনি, চাড্ডি আর সেকু, দুজনেই ইসলামের কাছে শুধুই কাফের৷ সমান কাফের৷
মরার আগে অবধি, তদ্দিন আপনি কী করবেন, আপনার সিদ্ধান্ত। সচেতন হবেন, সচেতন ভাবে ভোট দেবেন, নিজের কম্যুনিটি গড়বেন, মার খেয়ে পালানোর জায়গা খুঁজে রাখবেন, বিয়ে করে বা না করে কনভার্ট হয়ে যাবেন, অথবা গলায় কোপ না পড়া অবধি "সন্ত্রাসের ধর্ম নেই" আওড়াবেন। আপনার চয়েজ।
কারণ এসবের কোন কিছুতেই ইসলামের কিছু আসে যায় না৷
সন্ত্রাসের ধর্ম আছে এবং তা হল ইসলাম, এইই আসল সত্য৷ আজকের পৃথিবীর সবচেয়ে কঠোর সত্য৷
"সংগৃহীত"