संजीव जैन
(owner)
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Kalyani Borkar
don't feel guilty for being not as driven as your peers.
everyone's life has a different purpose...
Roshan Jain
*सुपरस्टार अक्षय कुमार के सुझाव पर मोदी सरकारका एक और अच्छा फैसला
सुनील दुवे
जब हिंदू कृष्ण को नचाना छोड़ कृष्ण के गीतोपदेश का मंचन करेगा तब हम सही दिशा में बढ़ेंगे
ARVIND Ashiwal
जो विमान हादसे पर भी जश्न मनाए,
उनके नाम ही काफी हैं पहचान के लिए।
ये इंसान नहीं, नफ़रत के पालतू हैं जिन्हें देश की हर तकलीफ़ में मज़ा आता है।
दुर्घटना पर मुस्कराना इंसानियत नहीं, वहशीपन है।