संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
Mukesh Bansal
जो लोग भारत द्वारा सीज फायर करने के बाद मोदी जी पर सवाल उठा रहे थे उनको रूस यूक्रेन के युद्ध के बाद अब इस्राइल ईरान के युद्ध को देखकर शायद अक्ल आ गई होगी।
रूस समझता था कि पिद्दी से यूक्रेन को वह 10 दिन में जीत लेगा। लेकिन पश्चिमी देशों और अमेरिका ने सामने ना आते हुए भी यूक्रेन को भरपूर सैनिक सहायता दी और 10 दिन में खत्म होने वाला युद्ध आज 3.5 साल तक खिंच गया और अभी ना जाने कितने दिन और चलेगा।
और उधर सभी वैस्टर्न देशों का साथ होते हुए अजय दिखने वाला इस्राइल, ईरान के साथ युद्ध छिड़ने के बाद अपने देश का जमकर नुकसान सह रहा है।
आपको क्या लगता है कि अगर भारत का पाकिस्तान के साथ युद्ध और अधिक देर तक चलता तो क्या अमेरिका अपनी नाजायज औलाद को इनडायरेक्ट सहायता नहीं देता।❓
आज भारत को युद्ध से होने वाले नुकसान से कई गुना ज्यादा अपने हथियार अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बेच कर फायदा कमाने का मौका मिला है।
4 दिन के लड़ाई में भारतीय हथियारों ने जो जलवा दिखाया है जरूरी नहीं था कि वही जलवा महीने दो महीने खिंचने वाली लड़ाई में उतनी ही सटीकता दिखा पाते और जो नुक्सान होता वह अलग।
बाकी जिसकी जितनी समझ।