संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
दीपक कुमार गुप्ता
तुम दर्द दो हम आह भी न करें,
इतने भी नहीं है मजबूर की अपना दर्द बयां भी न करें...
दीपक ✍️
Mukesh Bansal
इनकम टैक्स रिटर्न हर हालत में वेबसाइट के ऊपर सार्वजनिक होनी चाहिए।
किसी व्यक्ति का स्टेटस हम उसकी गाड़ी, उसके द्वारा पहने गये आभूषणों,कपड़ों या उसके रहन सहन से लगाते हैं। लेकिन उसका असली स्टेटस तो तब पता चलेगा जब हमें यह पता लगेगा कि वह कितना इनकम टैक्स सरकार को देता है।
इनकम टैक्स भरने वालों के नाम उनके द्वारा भरी गई राशि के साथ सार्वजनिक कर दिए जाऐं तो मैं शर्त लगाकर कह सकता हूं की सरकार को पहले से काफी ज्यादा इनकम टैक्स मिलेगा।
कुछ लोग तो शर्म से ज्यादा टैक्स जमा कराएंगे और कुछ लोग अपनी तड़ी दिखाने के लिए।
खैर जैसे भी हो सरकार को हर हालत में ज्यादा टैक्स मिलेगा❗
आपका क्या ख्याल है इस बारे में ❓
मोहन सिंह
सुवेंदु अधिकारी का रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर बड़ी मांग
बिहार में जो हो रहा है, वही यहां भी होना चाहिए। लाखों रोहिंग्या मुसलमानों के नाम यहां की मतदाता सूची में हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए। यह राष्ट्रीय हित का सवाल है। बंगाल को बचाना होगा।
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