हैलो दोस्तों..आपका स्वागत है हमारे इस ग्रूप में, ग्रूप में एक्टिव रहिये और अपने दोस्तों को भी... moreहैलो दोस्तों..आपका स्वागत है हमारे इस ग्रूप में, ग्रूप में एक्टिव रहिये और अपने दोस्तों को भी इसमें एड कीजिये.आपसे निवेदन है की ग्रूप में बने रहने के लिये नीचे दिये गये नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें-: ग्रूप में किसी प्रकार की अश्लील पोस्ट ना करें-: कोई अभद्र अथवा गंदा कमेंट ना करें-: किसी अन्य ग्रूप अथवा पेज की पोस्ट शेयर करके पोस्ट ना करें-: अपने व्यक्तिगत फोटो पोस्ट ना करें-: कोई ऐप डाउनलोड करने का लिंक शेयर ना करें-: ये ग्रूप सिर्फ सेरो शायरी, भक्ति पारिवारिक जोक्स, अच्छी जानकारी के लिये है, इसमें किसी प्रकार का विज्ञापन ना करें-: कोई जातिवादी अथवा सम्प्रदायिक पोस्ट ना करें.उक्तलिखित नियमों का उल्लंघन करने पर आपको ग्रूप से बाहर कर दिया जायेगा.अगर आपको ग्रुप से सम्बंधित कोई जानकारी या कोई समस्या के समाधान हेतु आप मेरे इनबॉक्स में बात कर सकते है, याद रहे ग्रुप से सम्बंधित होना चाहिए, बेमतलब के इनबॉक्स में आने पर आपको मेसेंजर से ब्लॉक कर दिया जयेगा।। एडमिन#राजपूत वंशिका सिंह less
संजीव जैन
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!
फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!!
नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!
सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!!\ud83d\udc9e
" गाँव "
Anupama Jain
बढ़ती उम्र की स्त्रियों का प्रेम में पड़ना
न तो वासना होती है, न ही कोई चरित्रहीनता,
बल्कि यह उस अधूरी आत्मा की पुकार होती है,जो जीवन की भागदौड़ और जिम्मेदारियों में
कभी खुद से मिल ही नहीं पाई।
जब उम्र बढ़ती है,
तो औरत को प्यार की नहीं,
बल्कि समझे जाने की जरूरत होती है...
उसकी आँखों में झाँककर
उसकी थकान को पढ़ने वाले साथी की जरूरत होती है।
ऐसा प्रेम उनके लिए एक नई उम्मीद बन जाता है,
जहाँ वो फिर से खुलकर मुस्कुरा सके,
फिर से अपनी नारीत्व को महसूस कर सके,
बिना किसी शर्म या समाज के डर के।
क्योंकि
प्रेम उम्र देखकर नहीं आता,
वो दिल की गहराई से उपजता है —
और बढ़ती उम्र में जो प्रेम मिलता है,
वो अक्सर सबसे सच्चा और सबसे संजीदा होता है।